Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -25-Apr-2022 झूठ या सच

रचयिता-प्रियंका भूतड़ा

शीर्षक-झूठ या सच

चारों तरफ फैला है झूठ का आतंक
देखो यह कैसा है मायाजाल
किसी के समझ में कुछ नहीं आता

एक बार झूठ ने दिखाई अपनी शेखी
करने लगा अठखेली
और कहने लगा, क्या हुआ मेरे भाई
ये सच !अब कोई नहीं तेरा यहां

देख रहा है मेरा दबदबा
सारी दुनिया में हूं छाया
है चारों तरफ मेरा ही साया

सच बैठा था मायूस
झूठ कहने लगा
क्यू बैठा है तू मायूस
सच की हालत देखकर
झूठ करने लगा हंसी

झूठ ने फैलाया अपना आकार
चारों तरफ दिखाया हाहाकार

मिल रही है सजा निर्दोष को
खुलेआम घूम रहे हैं दोषी
चारों तरफ है रिश्वतखोरी
सब हो गए हैं मनमौजी

रिश्वतखोरी ने! झूठ को किया मालामाल
इतना सुन सच बोल बैठा
अपना नहीं रहेगा तेरा बोलबाला
बहुत हुआ तेरा अब दबदबा

तू सुन आज मैं सुनाऊंगा
कहां सच ने, आज है तेरा दबदबा
जब होगा तेरा पर्दाफाश
तब होगा तुझपे पाषाणवार

तब एक नहीं चलेगी तेरी
तू हो जाएगा बेहाल
तब तू नहीं रहेगा
सिर्फ मेरा ही रहेगा दबदबा

फिर तू चला जाएगा
फिर कभी वापस नहीं आएगा
तू हाथ मलता रह जाएगा
और तू पछताएगा

क्यू मैं आया इस सच की दुनिया में
सच से बड़ा कुछ भी नहीं इस दुनिया में
कहानी खत्म हुई झूठ की
रखी नींव बुनियादी सच की

विश्वास की दुनिया लाएंगे,
सच को हम अपनाएंगे।



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12 Comments

Reyaan

26-Apr-2022 04:08 PM

Very nice

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Shrishti pandey

26-Apr-2022 08:56 AM

Very nice

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Swati chourasia

26-Apr-2022 05:58 AM

बहुत खूब 👌

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